लखनऊ। मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को मंगलवार शाम 7:04 बजे कासगंज जेल से रिहा कर दिया गया। उमर को 4 अगस्त को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था और 23 अगस्त को कासगंज जेल में स्थानांतरित किया गया था।
लगभग 39 दिन जेल में रहने के बाद उसकी रिहाई हुई। रिहाई के दौरान जेल परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। रिहाई के समय उसके विधायक भाई अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो भी मौजूद थीं।
पुलिस के अनुसार, उमर अंसारी पर अपनी मां अफ्शा अंसारी की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत में दस्तावेज दाखिल करने का आरोप था। इसी मामले में उसे गिरफ्तार कर मुहम्मदाबाद के न्यायिक न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से उसे जेल भेजा गया।
जानकारी के मुताबिक, उमर अंसारी परिवार की कुर्क संपत्तियों को बचाने के प्रयास में जालसाजी और कूटरचना का सहारा ले रहा था। पुलिस उसे आईएस-191 गैंग का सक्रिय सदस्य मानती है। गाज़ीपुर, मऊ और लखनऊ जिलों में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें फर्जी दस्तावेजों से जमीन कब्जाने, चुनावी दौरान भड़काऊ भाषण देने और माहौल बिगाड़ने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
पुलिस ने कहा है कि उमर अंसारी की रिहाई के बावजूद उसकी गतिविधियों पर निगरानी जारी रहेगी और दर्ज मुकदमों की जांचें आगे भी चलती रहेंगी।









