नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के फैसले की चौतरफा आलोचना जारी है। इस मुद्दे पर अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कदम को “विश्वासघाती और देश को कमजोर करने वाला” करार दिया है।
बसपा सुप्रीमो ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि ट्रंप सरकार द्वारा भारत पर भारी-भरकम टैरिफ थोपना न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को आघात पहुंचाता है, बल्कि यह देश के आत्मसम्मान और आर्थिक हितों पर भी चोट है।
ब्रिक्स देशों से तुलना, सरकार के संयमित बयान का समर्थन
मायावती ने अमेरिका द्वारा ब्राजील की तरह ही भारत पर टैरिफ लगाने की आलोचना करते हुए कहा कि भारत सरकार ने भले ही इस निर्णय को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकी” बताया है, लेकिन आम जनता इसे एक विश्वासघात के रूप में देख रही है।
“ट्रंप का यह फैसला मित्र देश भारत के साथ विश्वासघात है और यह देश को कमजोर करने वाला प्रयास है। इससे निपटने के लिए केवल सरकार नहीं, बल्कि पूरे देश को राजनीतिक संकीर्णता से ऊपर उठकर एकजुट होकर रणनीति बनानी होगी,” – मायावती
संसद में चर्चा की मांग
मायावती ने कहा कि वर्तमान संसद सत्र में इस विषय पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए, ताकि देश के सामने आई इस बड़ी चुनौती से बेहतर ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जारी राजनीतिक टकराव और अविश्वास को भी इस दिशा में एक बाधा बताया। “अगर सरकारें आपसी संकीर्ण मुद्दों में ही उलझी रहेंगी, तो इस वैश्विक चुनौती का समाधान कैसे होगा?”
“सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” की नीति पर जोर
बसपा प्रमुख ने दोहराया कि उनकी पार्टी हमेशा मानवतावादी संविधान की भावना के अनुसार “सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय” की विचारधारा पर कार्य करती रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से सहयोग और समन्वय से काम करने की अपील की ताकि देशहित में मजबूत रणनीति तैयार की जा सके।









