मिर्जापुर। महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान देने वाली आशा व आशा संगिनी कार्यकर्ता संगठन ने आज जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। आशा संगिनी हेमलता के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी 13 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा।
आशा संगीनियों ने बताया कि देश में लगभग 11 लाख आशा वर्कर्स और एक लाख आशा संगिनी कार्यरत हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख आशा वर्कर्स और 10 हजार आशा संगिनी वर्कर्स ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी कार्य करते हैं। इनका काम टीकाकरण, स्वच्छता, जच्चा-बच्चा देखभाल, संस्थागत प्रसव, और केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित चार दर्जन से अधिक योजनाओं में योगदान देना शामिल है।

हालांकि, इन कार्यों के लिए उन्हें कोई स्थायी वेतन या मानदेय नहीं मिलता, केवल अल्प प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। आशा संगीनियों ने बताया कि उनकी मेहनत से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है और सर्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा है, लेकिन उनकी जीविका और परिवार के भरण-पोषण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने बताया कि 2017 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें उचित वेतन और मानदेय की उम्मीद थी, लेकिन अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। कोविड महामारी के दौरान आशा संगिनी वर्कर्स ने अपने जीवन को खतरे में डालकर पूरी ईमानदारी और लगन के साथ सरकार के आदेशों का पालन किया और समाज को कोविड से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ब्यूरोचीफ- बसन्त कुमार गुप्ता

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।