वाराणसी। नगर में 03 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। नागरिकों को राहत दिलाने के लिए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने स्वयं कमान संभाली और देर रात से ही प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कराए। नगर निगम की कार्यवाही पर महापौर अशोक कुमार तिवारी लगातार नज़र बनाए हुए हैं और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
प्रमुख स्थानों का निरीक्षण
नगर आयुक्त ने सर्किट हाउस, बनारस क्लब, अंबेडकर चौराहा (कचहरी), नदेसर, अंधरापुल, फातमान रोड, सिगरा, रथयात्रा, लक्सा गुरुवाग, कमच्छा, भेलूपुर थाना, रविन्द्र पुरी, रविदास गेट, लंका, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, सुसुवाहीं, बजरडीहा और कोनिया समेत अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान रविन्द्रपुरी लेन नं. 10 में जलभराव पाया गया, जिस पर तत्काल पम्प लगवाकर निकासी शुरू कराई गई। इसी तरह बीएचयू ट्रॉमा सेंटर और मालवीय मूर्ति के पास भी पानी भरा मिला, जिसका कारण बीएचयू परिसर का कमजोर ड्रेनेज सिस्टम बताया गया। नगर निगम की टीम ने ड्रेनेज और सीवर लाइन खोलकर वहां से पानी की निकासी सुनिश्चित की।
दो दर्जन से अधिक पम्प लगाए गए
नगर आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम के सामान्य अभियंत्रण विभाग और जलकल विभाग की टीमें सक्रिय रहीं। प्रभावित इलाकों—रविन्द्रपुरी कॉलोनी, सुसुवाहीं, ककरमत्ता, करौंदी, मारुति नगर, बजरडीहा, दुर्गाकुंड, नवाबगंज, महेशपुर, रविदास मंदिर, सरसौली, फुलवरिया, रमरेपुर, कोनिया, जलालीपुरा, रामनगर जोन के रस्तापुर और रूतुलपुर—में जरूरत के हिसाब से बड़े पम्प लगाए गए।
कंट्रोल रूम सक्रिय
नगर निगम द्वारा स्थापित कंट्रोल रूम 1533 पर किसी भी जलभराव की सूचना मिलते ही तुरंत कार्यवाही की जा रही है। नगर निगम का दावा है कि युद्धस्तर पर चल रही कार्यवाही से स्थिति नियंत्रण में है और शाम तक अधिकांश जलभराव वाले क्षेत्रों में हालात सामान्य होने की संभावना है।

Author: Ujala Sanchar
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