मिर्जापुर: शासन के निर्देश पर जनपद मिर्जापुर में यूरिया की अधिक खपत की जांच हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी डा. रमेश कुमार मौर्य, अपर कृषि निदेशक (भू- सं.), कृषि निदेशालय लखनऊ ने सोमवार को समीक्षा बैठक और स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ मंडलीय संयुक्त कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय, उप कृषि निदेशक विकेश कुमार और जिला कृषि अधिकारी डा. अवधेश कुमार यादव भी मौजूद रहे।

सोनभद्र व भदोही के अधिकारियों से भी चर्चा की गई। समीक्षा में पाया गया कि इस वर्ष यूरिया की खपत बढ़ने के मुख्य कारण मानसून का समय से आना, लगातार वर्षा, खरीफ फसलों का बढ़ा आच्छादन तथा जलाशयों में पर्याप्त पानी होना रहा। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार खरीफ सीजन में लगभग 5000 हेक्टेयर अधिक क्षेत्रफल में बुआई हुई है।

बैठक के बाद नोडल अधिकारी ने साधन सहकारी समिति, घुरऊ पट्टी का निरीक्षण किया। यहाँ किसानों से बातचीत में सामने आया कि कुछ किसान यूरिया के साथ डीएपी का उपयोग टॉप ड्रेसिंग में भी कर रहे हैं। इस पर अधिकारियों ने समझाया कि डीएपी का प्रयोग केवल बुआई के समय होना चाहिए, टॉप ड्रेसिंग में नहीं। किसानों को संतुलित उर्वरक प्रयोग, मिट्टी परीक्षण और हरी खाद (सनई, ढैचा) की बुआई के लिए प्रेरित किया गया।
निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी ने सहकारी समिति के वितरण रजिस्टर में दर्ज किसानों से फोन पर बात की। अधिकांश किसानों ने यूरिया प्राप्ति की पुष्टि की, हालांकि कुछ ने कम मात्रा मिलने की शिकायत भी की। इस पर मौके पर मौजूद एआर कोऑपरेटिव अमित पांडेय को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
इसके बाद नोडल अधिकारी ने थोक उर्वरक विक्रेता अजय कुमार एंड कम्पनी के गोदाम और बथुआ चौराहा स्थित एग्री जंक्शन वन स्टॉप शॉप का भी निरीक्षण किया। यहाँ किसानों ने बताया कि उन्हें खाद सही दाम पर और बिना किसी टैगिंग के उपलब्ध हो रही है। नोडल अधिकारी ने यहां भी रजिस्टर में दर्ज किसानों से रैंडम फोन कॉल कर आपूर्ति की स्थिति की पुष्टि की।

Author: Ujala Sanchar
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