गाजीपुर: सावन मास के दूसरे सोमवार को गाजीपुर स्थित महाहर धाम में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शिवभक्तों ने आस्था और उत्साह के साथ भगवान भोलेनाथ को गंगाजल अर्पित किया। कांवर यात्रा रविवार देर शाम से शुरू होकर सोमवार देर शाम तक जारी रही, जिसमें श्रद्धालुओं ने ददरी घाट से गंगाजल लेकर लगभग 35 किलोमीटर लंबी यात्रा तय की।
इस ऐतिहासिक यात्रा में पैदल, दंडवत, साइकिल, बाइक, ई-रिक्शा और चार पहिया वाहनों से भक्तों ने भाग लिया। कांवरियों की सेवा के लिए जगह-जगह भंडारे और विश्राम स्थल भी बनाए गए थे। शिवभक्तों के जोश और श्रद्धा के आगे रास्ते की कठिनाइयां भी फीकी पड़ गईं। पैर में छाले और थकावट के बावजूद भक्तों की भक्ति में कोई कमी नहीं दिखी।
महाहर धाम मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग कैंपस बनाए गए थे, जहां से कतारबद्ध होकर सभी भक्त जलाभिषेक के लिए आगे बढ़ते रहे।
जैसे ही सोमवार को तीसरे पहर 12:00 बजे मंदिर का कपाट खोला गया, शिवभक्तों में उत्साह की लहर दौड़ गई। पूरा वातावरण “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा। सबसे पहले मंदिर में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा पूजा और आरती की गई। यजमान के रूप में उप जिलाधिकारी कासिमाबाद संजय यादव और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अतुल सोनकर ने विधिवत पूजन कर जलाभिषेक किया।
इसके बाद दोपहर 12:30 बजे से कांवरियों को जलाभिषेक के लिए प्रवेश दिया गया। इस भव्य आयोजन में क्षेत्राधिकारी कासिमाबाद अनिल चंद्र तिवारी, चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि रंजन, बीडीओ बिरनो कौस्तुभ मणि त्रिपाठी, बीडीओ मरदह एजाज अहमद, थानाध्यक्ष तारवती यादव, प्रवीण पटवा, वीरेंद्र सिंह, डॉ. रामप्रवेश सिंह समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।
हिंदू धर्म में सावन मास को शिव भक्ति का सर्वोच्च काल माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। महाहर धाम की यात्रा न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक रही, बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग की मिसाल भी बनी।

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।