लखनऊ: बीते बृहस्पतिवार को राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश मूल संघ के प्रदेश कार्यकारी महामंत्री अशोक कुमार अवाक ने प्रदेश की स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा से भेंट कर ग्रीष्मकालीन अवकाश में प्रस्तावित समर कैंप को स्थगित करने हेतु ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक को इस बात से अवगत कराया गया कि वस्तुत: समर कैम्प की अवधारणा पश्चिमी देशों से ली गई है जहाॅं पर वर्ष भर जलवायु अत्यन्त शीतल रहती है किन्तु गर्मियों में मौसम सुहावना हो जाता है जबकि अपने देश में विशेषकर उत्तर प्रदेश में ग्रीष्मकाल में प्रचंड गर्मी की स्थिति रहती है। इसलिए इसका आयोजन इस मौसम में करना व्यवहारिक नहीं है। इस भीषण गर्मी में किसी छात्र-छात्रा को कुछ हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
यदि इन गतिविधियों को करना अत्यावश्यक है तो इन्हें सामान्य पाठ्यक्रम में सम्मिलित करते हुए वर्ष भर के अन्य क्रियाकलापों के साथ कराया जाए। अथवा इसे आगामी वर्ष से 1 मई से 20 मई के बीच में कराया जाए। अथवा इस ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात 1 जुलाई से 20 जुलाई के मध्य करा लिया जाए।
प्रदेश के विभिन्न शिक्षक साथियों द्वारा संगठन को यह बताया जा रहा है कि वर्ष भर के विभिन्न पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों को निभाने के लिए वह वर्षभर से ग्रीष्मकालीन अवकाश की प्रतीक्षा करते हैं। इसलिए उनके 40 दिनों के इस अवकाश में विभाग द्वारा छेड़छाड़ करना उचित नहीं है।
संगठन का यह सुझाव है कि जिस तरह बेसिक शिक्षा विभाग में इसके लिए अनुदेशकों एवं शिक्षामित्र को नियोजित किया गया है, वैसे ही माध्यमिक विद्यालयों में इसे बाह्य संस्थाओं के प्रशिक्षकों द्वारा कराया जाए। विभाग द्वारा उनसे बाध्यकारी रूप से यह कराए जाने से उनके मन में पीड़ा एवं आक्रोश का भाव है। इन सभी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अशोक कुमार अवाक ने माॅंग की है कि समर कैम्प को स्थगित किया जाए।
रिपोर्ट- रामविलास यादव

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