मेरठ। उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी स्वाति गुप्ता एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। इस बार उनका विवादित बयान उनकी मिलने की शर्त को लेकर वायरल हुआ है। फेसबुक लाइव वीडियो में उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति उनसे आमने-सामने मिलना चाहता है, उसे पहले उनके Facebook पेज का टॉप फैन बनना होगा और 30 दिनों तक उनकी पोस्ट लगातार शेयर करनी होंगी।
वीडियो में स्वाति गुप्ता ने कैजुअल अंदाज में चाय पीते हुए कहा, “जिसे मुझसे मिलना है, वह मेरी टॉप फैन लिस्ट में आ जाए और मेरी पोस्ट 30 दिन लगातार शेयर करे। फिर मैं खुद उसे इनवाइट करूंगी। साथ ही मिलने वाले हर व्यक्ति की पोस्ट को मैं अपने सोशल मीडिया पर साझा करूंगी ताकि वह दूसरों के लिए प्रेरणा बन सके।”
स्वाति का यह वीडियो सोशल मीडिया यूज़र्स के बीच दो धड़ों में बंट गया। कुछ लोग इसे क्रिएटिव मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे अधिकारियों के ओहदे के हिसाब से अनुचित ब्रांडिंग स्टंट बता रहे हैं।
पृष्ठभूमि और संघर्ष
स्वाति गुप्ता मेरठ की रहने वाली हैं और 2017 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। स्कूल शिक्षक के परिवार से आने वाली स्वाति ने कंप्यूटर साइंस में एमटेक किया और यूपीएससी सहित कई परीक्षाओं में सफलता पाई। वे आईबी, पीजीटी, राजस्थान पीसीएस और मंडी इंस्पेक्टर जैसी परीक्षाएं भी पास कर चुकी हैं। आज वे सोशल मीडिया पर लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल मानी जाती हैं।
स्वाति का सोशल मीडिया एक्टिव रहना डिजिटल युग में प्रशासकों की नई जरूरत को दर्शाता है। लेकिन जब पर्सनल ब्रांडिंग और सरकारी ओहदा आपस में उलझते हैं, तब यह बहस का विषय बन जाता है कि क्या किसी अधिकारी से मिलना सिर्फ सोशल मीडिया एंगेजमेंट पर निर्भर होना चाहिए।
स्वाति गुप्ता का यह “टॉप फैन चैलेंज” जितना वायरल हुआ है, उतना ही विचारणीय भी है। यह घटना प्रशासनिक अधिकारियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रभावशीलता और पर्सनल ब्रांडिंग के बीच संतुलन बनाए रखने का नया सबक भी हो सकती है।

Author: Ujala Sanchar
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