प्रयागराज: पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की कामना के लिए मनाया जाने वाला पितृपक्ष इस वर्ष विशेष संयोग लेकर आया है। 07 सितंबर से आरंभ हुआ पितृपक्ष 21 सितंबर 2025 तक चलेगा। खास बात यह है कि इस बार पितृपक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हुई है और इसका समापन सूर्य ग्रहण पर होगा।

प्रयागराज के संगम तट पर रविवार को पितृपक्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पिंडदान और तर्पण किया। परंपरा के अनुसार पहले दिन मातृकुल से संबंधित पितरों, यानी नाना-नानी आदि का श्राद्ध किया जाता है। श्रद्धालुओं ने आस्था और श्रद्धा के साथ अपने पितरों को तर्पण अर्पित किया।
पंडितों का कहना है कि चंद्र और सूर्य ग्रहण के इस विशेष संयोग में पितृपक्ष करना अत्यंत शुभ माना जा रहा है। उनका मानना है कि इस बार का पितृपक्ष साधकों और श्रद्धालुओं के लिए अधिक फलदायी सिद्ध होगा।
श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण की यह परंपरा सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा का प्रतीक मानी जाती है।

Author: Ujala Sanchar
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