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वाराणसी में बिजलीकर्मियों का निजीकरण के खिलाफ आंदोलन 320वें दिन भी जारी, ऊर्जा मंत्री के निर्देशों की अनदेखी पर जताया रोष

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बनारस के बिजलीकर्मियों ने रविवार को भी बिजली के निजीकरण के खिलाफ 320वें दिन आंदोलन जारी रखा। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जनमानस की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, किंतु विभागीय अधिकारी उनकी नाराजगी के बावजूद संविदाकर्मियों को हटाने और निर्दोष कर्मचारियों पर कार्रवाई का भय दिखाकर उनका मनोबल गिरा रहे हैं। संघर्ष समिति ने इस रवैये की कड़ी निंदा की है।

संघर्ष समिति के नेताओं ने बताया कि माननीय ऊर्जा मंत्री ने वाराणसी की बिजली व्यवस्था को लेकर हाल ही में हुई बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि ऊर्जा विभाग और नगर विकास विभाग की संयुक्त टीम बनाकर विद्युत सुरक्षा से जुड़ी सभी खामियों का सर्वेक्षण किया जाए। उन्होंने “वन टाइम सर्विस ड्राइव” के तहत खुले ट्रांसफार्मर, झूलते तार और जर्जर पोलों को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए थे।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मार्च 2023 में मनमाने ढंग से निकाले गए संविदाकर्मियों को पुनः कार्य पर रखने के मंत्री के आदेशों की भी अनदेखी की जा रही है। संघर्ष समिति की मांग है कि सभी संविदाकर्मियों को तुरंत बहाल किया जाए।

कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति देने के लिए कम से कम दो लाख योग्य कर्मचारियों की आवश्यकता है, जबकि मौजूदा प्रबंधन योग्य कर्मियों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें निलंबित या हटाकर भय का माहौल बना रहा है। परिणामस्वरूप, एक अवर अभियंता को दो से तीन विद्युत उपकेंद्रों की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि ऊर्जा विभाग की गलत नीतियों के कारण इस वर्ष गर्मी में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी, परंतु अधिकारी अपनी विफलता स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग का विरोध

बनारस के बिजलीकर्मियों ने लखनऊ और कानपुर में लागू की जा रही वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग व्यवस्था का भी पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था मेरठ में पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने इस संबंध में विधानसभा प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष एवं मेरठ के विधायक अमित अग्रवाल से वार्ता की। श्री अग्रवाल ने बताया कि 12 सितंबर 2025 को हुई समिति बैठक में उन्होंने स्वयं वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग का विरोध किया था क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को लाभ के बजाय हानि हुई है।

वहीं सभा को संबोधित करने वालों में ई. मायाशंकर तिवारी, ई. एस.के. सिंह, अंकुर पाण्डेय, धर्मेन्द्र यादव, सरोज भूषण, प्रवीण सिंह, अरविंद कौशनन्दन, अरुण कुमार, रमेश कुमार, अलका कुमारी, पूजा कुमारी, नेहा कुमारी, पंकज यादव, बृजेश यादव, रमेश यादव, मनोज यादव, ब्रिज सोनकर आदि शामिल रहें।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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