वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ड्रीम परियोजना कही जाने वाली विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना जमीनी स्तर पर सवालों के घेरे में है। योजना का लाभ लेने वाले सैकड़ों लाभार्थी लगभग एक वर्ष बाद भी अपने प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और टूलकिट से वंचित हैं।
सूत्रों के अनुसार, 10 से 20 सितंबर 2024 तक पहाड़ियां स्थित होटल चित्रगुप्त प्रांगण में हलवाई और सिलाई-कढ़ाई ट्रेड के तहत 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान पुरुषों और महिलाओं को ट्रेनर पंकज और संस्था प्रमुख सुष्मिता श्रीवास्तव की देखरेख में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के उपरांत 18 जनवरी 2025 को परीक्षा भी कराई गई थी।
योजना का आयोजन UPI Con लखनऊ और सह-आयोजन जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र, लहरतारा, वाराणसी द्वारा किया गया था। लाभार्थियों के चयन की पूरी प्रक्रिया जिला उद्योग केंद्र में इंटरव्यू के माध्यम से पूरी की गई थी।
लाभार्थियों का आरोप है कि प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उनके खातों में कुछ धनराशि तो भेजी गई, लेकिन अब तक न तो प्रशिक्षण प्रमाण पत्र मिला और न ही वादा किया गया टूलकिट। इससे योजना पर घपलेबाजी और अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं।
लाभार्थियों का कहना है कि जब पिछले वर्ष के चयनित युवाओं को प्रमाण पत्र और टूलकिट तक नहीं मिला, ऐसे में इस वर्ष नए आवेदकों से ऑनलाइन फॉर्म भरवाना विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
ग्रामीणों और लाभार्थियों का आरोप है कि जिला उद्योग प्रोत्साहन केंद्र की लचर कार्यप्रणाली के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वयं इस मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पात्र लाभार्थियों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और टूलकिट उपलब्ध कराया जा सके।

Author: Ujala Sanchar
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