Search
Close this search box.

वाराणसी: चंद्रग्रहण के कारण बदला रामनगर रामलीला की क्षीरसागर आरती का समय….

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

वाराणसी: रामनगर में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रामलीला अपनी परंपरा, ऐतिहासिकता और धार्मिक गरिमा के लिए जानी जाती है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यहाँ क्षीर सागर की अनुपम एवं दिव्य आरती का आयोजन होना है, लेकिन इस बार इसका समय चंद्रग्रहण की वजह से बदला गया है।

रामनगर की रामलीला का इतिहास लगभग दो सौ वर्षों से भी अधिक पुराना है। इसे काशी नरेश के संरक्षण में आयोजित किया जाता है और इसकी विशेषता यह है कि यह मंचन न होकर जीवंत स्वरूप में होता है, जहाँ पात्रों को नगरवासियों द्वारा जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

रामलीला के दौरान क्षीर सागर दृश्य और उसमें होने वाली आरती का विशेष महत्व है। इस आरती में भगवान विष्णु के क्षीर सागर में शेषनाग की शैय्या पर विश्राम का मनोहारी चित्रण किया जाता है। दीपमालाओं, मंत्रोच्चार और पारंपरिक संगीत वाद्यों की ध्वनि से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो उठता है। श्रद्धालु इस क्षण को दिव्यता और भक्ति भाव से आत्मसात करते हैं।

इस वर्ष चंद्रग्रहण पड़ने के कारण आरती के समय में परिवर्तन किया गया है। ज्योतिषाचार्यों और रामलीला समिति ने धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए आरती का समय ग्रहण से पहले निर्धारित किया है, ताकि परंपराओं और श्रद्धालुओं की भावनाओं का पूरा सम्मान हो सके।

रामनगर रामलीला समिति के अनुसार, जैसे ही आरती का समय निश्चित होगा, उसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे समय का ध्यान रखें और परंपरा के अनुसार आरती में सम्मिलित हों।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें