वाराणसी: समाजवादी छात्रसभा वाराणसी महानगर अध्यक्ष आयुष यादव के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नाराजगी देखी जा रही है। आयुष यादव पर यह मुकदमा तब दर्ज किया गया जब उन्होंने गरीब और अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रयास किया। समाजवादी पार्टी ने इसे दुर्भावना से प्रेरित और फर्जी करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
आयुष यादव एक उच्च शिक्षित समाजसेवी हैं, जो ‘नारायणी सेवा समिति’ के माध्यम से हर वर्ष 12 गरीब और अनाथ बच्चों को अपने खर्चे पर शिक्षा प्रदान करते हैं। हाल ही में उन्होंने पी.डी.ए. पाठशाला के माध्यम से भी शिक्षा अभियान चलाया, जिसके चलते लालपुर-पांडेयपुर थाने में उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस कमिश्नर, वाराणसी से मिला और मुकदमे को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए तत्काल स्पंज कर अंतिम रिपोर्ट लगाए जाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष सुजीत यादव (लक्कड़ पहलवान), समाजवादी छात्रसभा के प्रवक्ता आलोक सौरभ, समाजसेवी निशु यादव व अन्य समाजवादी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समाजवादी नेताओं का कहना है कि गरीब बच्चों को शिक्षित करना कोई अपराध नहीं, बल्कि यह सरकार की जिम्मेदारी है। जब कोई युवा इसे समाजसेवा के रूप में निभा रहा है, तो उस पर मुकदमा दर्ज करना तंत्र की असंवेदनशीलता और तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाता है।
समाजवादी पार्टी ने प्रशासन से इस मुकदमे को रद्द करने की मांग करते हुए स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।







