काठमांडू: नेपाल में चल रहे Gen-Z आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है। आंदोलन के दौरान युवाओं ने कई सरकारी दफ्तरों, होटलों और जेलों को आग के हवाले कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि हजारों कैदी जेलों से फरार हो गए।
सबसे बड़ी घटना राजधानी काठमांडू स्थित सुंधरा सेंट्रल जेल में सामने आई। यहां से करीब 3000 से अधिक कैदी फरार हो गए, जबकि केवल 500 कैदी ही जेल के भीतर रहे। बाद में कुछ कैदी स्वेच्छा से वापस लौट भी आए।
इसी अफरातफरी के बीच नेपाल के इतिहास के सबसे बड़े सोने के तस्कर चूड़ामणि उप्रेती उर्फ गोरे भी जेल तोड़कर फरार हो गया। गोरे को नेपाल में सोने की तस्करी का किंग कहा जाता है। वह सिर्फ तस्करी ही नहीं, बल्कि हत्या के मामले में भी सजा काट रहा था।
गोरे के फरार होने से नेपाल की सुरक्षा एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। आंदोलन और जेल ब्रेक की घटनाओं ने सरकार की कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

Author: Ujala Sanchar
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