सोनभद्र जिले में पिपरी भूमि विवाद को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है। अपर जिला जज के अपीलीय न्यायालय ने नगर पंचायत पिपरी द्वारा दायर सिविल अपील को सिरे से खारिज कर दिया है। कोर्ट के आदेश से यह स्पष्ट हो गया है कि विवादित भूमि पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (UPRVUNL) का स्वामित्व पहले की तरह कायम रहेगा।
अधिकारियों ने लगाया स्वामित्व सूचक बोर्ड, CISF ने किया फ्लैग मार्च
निर्णय के बाद
- अधीक्षण अभियंता, जल विद्युत उत्पादन मंडल पिपरी
- अधिशासी अभियंता सिविल पिपरी
- उप कमांडेंट CISF पिपरी
ने पिपरी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर विद्युत उत्पादन निगम के स्वामित्व के बोर्ड लगवाए। इसके साथ ही पिपरी कॉलोनी में CISF द्वारा फ्लैग मार्च भी किया गया।
जनता में सवाल–सात वर्षों से नगर पंचायत के दावों पर उठे प्रश्न
नगर की जनता इस घटनाक्रम से हतप्रभ है। लोगों का कहना है कि नगर पंचायत पिपरी के चेयरमैन पिछले सात वर्षों से यह दावा करते रहे कि पिपरी भूमि नगर पंचायत में शामिल होने की प्रक्रिया में है। आवासीय क्षेत्रों में किराया/कर वसूली के लिए फॉर्म भी वितरित किए गए थे।
लेकिन कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद नगर पंचायत का पूरा दावा हवा-हवाई साबित होता दिख रहा है। जनता चट्टी-चौराहों पर चर्चा कर रही है, वहीं नगर पंचायत चेयरमैन की ओर से अब तक किसी तरह की स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
“घबराएं नहीं, समाधान के प्रयास जारी हैं”—स्थानीय जनप्रतिनिधि की अपील
स्थानीय स्तर पर लोगों को आश्वस्त करते हुए एक जनप्रतिनिधि ने कहा कि “मैं अधिकारियों से वार्ता कर रहा हूं ताकि नगरवासियों के पक्ष में समाधान निकले।” “समय लगेगा लेकिन स्थिति चिंताजनक है क्योंकि नगर पंचायत पिपरी चेयरमैन और जलविद्युत विभाग के अधिकारियों के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं।” “मेरे पास पद नहीं है, लेकिन जो भी मेरी शक्ति में होगा, मैं जनता के हित में खड़ा रहूंगा।”
उन्होंने संबंधित कोर्ट आदेश की प्रति भी नगरवासियों के बीच प्रसारित कर लोगों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
ब्यूरोचीफ- जूही खान










