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वाराणसी: बिजली निजीकरण के विरोध में 380वें दिन भी जोरदार प्रदर्शन, संविदा कर्मियों की छटनी पर भारी आक्रोश

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वाराणसी। संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण विरोधी आंदोलन ने आज लगातार 380 दिन पूरे कर लिए। प्रदेश के अन्य जनपदों की तरह ही वाराणसी में भी बिजलीकर्मियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया और सरकार की नीतियों के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया।

हजारों संविदा कर्मियों की छटनी से बिजली कर्मियों में रोष

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में नए टेंडर प्रक्रिया के नाम पर मनमाने ढंग से हजारों संविदा कर्मियों की छटनी की जा रही है। इसके चलते कार्य व्यवस्था चरमराने के साथ ही कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

समिति ने कहा कि मई 2017 के आदेश के अनुसार शहरी उपकेंद्रों पर 36 कर्मचारियों और ग्रामीण उपकेंद्रों पर 20 कर्मचारियों की तैनाती अनिवार्य है, लेकिन नए टेंडर में इस आदेश का खुला उल्लंघन करते हुए 48% तक संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है।

डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी देने की तैयारी का आरोप

समिति ने आरोप लगाया कि वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग मॉडल अन्य शहरों में विफल होने के बावजूद इसे फिर से लागू किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य नगरों की बिजली व्यवस्था को डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी को सौंपने की तैयारी है।

समिति के अनुसार भदोही, मिर्जापुर, आजमगढ़, मऊ, फतेहपुर के साथ अब सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव और हरदोई में बड़े पैमाने पर पदों को समाप्त करने की तैयारी चल रही है।

वाराणसी सहित कई जिलों में हजारों संविदा कर्मियों की नौकरी गई

संघर्ष समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हाल ही में निम्न संविदा कर्मियों की छटनी की गई: वाराणसी – 417, कुशीनगर – 450, बस्ती – 453, गोरखपुर – 326, भदोही – 429, सोनभद्र – 535, प्रयागराज – 526, कौशांबी – 569 कुल मिलाकर लगभग 3705 संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाया जा चुका है, जिससे बिजलीकर्मियों में और आक्रोश बढ़ गया है।

एस्मा लागू करने का विरोध

समिति ने सरकार द्वारा अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (ESMA), 1966 लगाए जाने का कड़ा विरोध किया। समिति ने कहा कि पिछले 25 वर्ष से बिजली सेक्टर में एस्मा लागू है और अब इसे राज्य कर्मचारियों, स्थानीय निकायों व निगम कर्मियों तक बढ़ाना लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है।

नेताओं ने आंदोलनकारियों को संबोधित कर जताया समर्थन

सभा को ई० एस.के. सिंह, ई० विजय सिंह, अंकुर पांडेय, विनय सिंह, मनोज यादव, राजेश सिंह, संदीप सिंह, राजेश पटेल, धनपाल सिंह, हेमंत श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, अभिषेक शुक्ला और रंजीत कुमार सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।

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