Search
Close this search box.

नेपाल की राजनीति में सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे, मोदी की कार्यशैली से प्रभावित बताई

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

नई दिल्ली: नेपाल की सत्ता संभालने की रेस में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे चल रहा है। कमान संभालने से पहले ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की तारीफ की है।

एक इंटरव्यू में कार्की ने कहा – “मैं मोदी जी को नमस्कार करती हूं। मुझ पर मोदी जी का बहुत अच्छा प्रभाव है। मैं भारत का बहुत सम्मान करती हूं और उनसे प्यार करती हूं। भारत ने नेपाल की बहुत मदद की है और मैं मोदी जी की कार्यशैली से प्रभावित हूं।”

कार्की ने साफ किया कि उनकी पहली प्राथमिकता उन लोगों के परिवारों की मदद करना होगी, जिन्होंने हालिया प्रदर्शनों में अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा कि भले ही उनका कार्यकाल छोटा हो, लेकिन वह आंदोलनकारियों के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी।

राजनीतिक हलचल तेज

बुधवार को काठमांडू स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में करीब 9 घंटे तक अहम बैठक हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। वहीं, हामी नेपाली एनजीओ की ओर से सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव रखा गया। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह (बालेन) ने भी उनका समर्थन किया, लेकिन शर्त रखी कि पहले संसद भंग हो, तभी अंतरिम सरकार बने।

दूसरी ओर, कई जेन-ज़ी समूहों ने उनके नाम का विरोध भी किया है। नेपाली सेना ने सभी आंदोलनकारी समूहों से आज की वार्ता में शामिल होने की अपील की है।

संवैधानिक पेच

विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालात में राष्ट्रपति के पास दो ही विकल्प हैं:

  1. संसद के किसी सदस्य को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए और कैबिनेट की सिफारिश पर संसद भंग कर चुनाव कराया जाए।
  2. आंदोलनकारियों द्वारा सुझाए गए सर्वसम्मत नाम को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए, हालांकि संविधान में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

बता दें कि सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। 2016 में उन्होंने यह पद संभाला था। हालांकि, उन पर सरकार के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाकर महाभियोग भी लाया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था।

Leave a Comment

और पढ़ें