नई दिल्ली: क्या अब आधार कार्ड पर आपका ब्लड ग्रुप भी दर्ज होगा? इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता दीपक मानकर ने केंद्र सरकार से इसकी औपचारिक मांग की है।
दीपक मानकर ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि आधार कार्ड में रक्त समूह (Blood Group) की जानकारी भी अनिवार्य रूप से दर्ज की जानी चाहिए।
क्या है मांग का आधार?
मानकर का कहना है कि आपातकालीन परिस्थितियों—जैसे सड़क दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं या आतंकवादी हमले—में, यदि पीड़ित के आधार कार्ड पर उसका ब्लड ग्रुप पहले से लिखा हो, तो तत्काल रक्त उपलब्ध कराकर उसकी जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने अपने पत्र में हालिया अहमदाबाद प्लेन क्रैश और सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे संकट के समय ब्लड ग्रुप की जानकारी का न होना इलाज में देरी का कारण बन सकता है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
- तेजी से मिल सकता है खून – समय की बचत होगी, जिससे जान बचाई जा सकती है।
- डिजिटल और फिजिकल पहचान दोनों में उपयोगी – अस्पतालों, एंबुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्रों में आधार कार्ड की उपलब्धता सामान्य है।
- सरकारी रजिस्ट्रियों में मेडिकल डाटा जोड़ने की दिशा में एक कदम।
क्या कहता है मौजूदा नियम?
वर्तमान में आधार कार्ड केवल पहचान और निवास प्रमाण पत्र के तौर पर उपयोग होता है, जिसमें नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और बायोमेट्रिक जानकारी होती है। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी शामिल नहीं है। हालांकि, आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत नागरिकों के हेल्थ रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संजोने की योजना पर सरकार पहले से काम कर रही है।
आगे क्या?
मानकर की यह मांग फिलहाल सुझाव स्तर पर है, लेकिन यदि सरकार इस पर विचार करती है, तो यह कदम देशव्यापी मेडिकल आपात सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Author: Ujala Sanchar
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