वाराणसी: शहर के स्वामी विवेकानंद मेमोरियल (एसवीएम) राजकीय चिकित्सालय, भेलूपुर ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। 78 वर्षीय बुज़ुर्गा की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल द्वारा प्रदान की गई त्वरित और संवेदनशील चिकित्सा ने न सिर्फ़ मरीज को स्थिर किया बल्कि परिजनों की सरकारी अस्पतालों को लेकर बनी पुरानी धारणाएँ भी पूरी तरह बदल दीं। इसकी जानकारी शैक्षिक सलाहकार पुरुषोत्तम सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी की फेसबुक वॉल को टैग करते हुए साझा की।
अचानक बिगड़ी बुज़ुर्गा की तबीयत
धार्मिक नगरी वाराणसी में भ्रमण के दौरान पुरुषोत्तम सिंह की माता निशा सिंह (78 वर्ष) को अचानक सीने में तेज़ दर्द होने लगा। स्थानीय लोगों की सहायता से उन्हें तुरंत एसवीएम अस्पताल पहुँचाया गया।
पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि सरकारी अस्पतालों को लेकर मन में पहले से ही “भीड़, गंदगी, स्टाफ का असहयोग और लापरवाही”— जैसी आम आशंकाएँ थीं, लेकिन अस्पताल पहुँचते ही यह धारणा पूरी तरह बदल गई।
स्वच्छ वातावरण और त्वरित उपचार ने बढ़ाया भरोसा
अस्पताल का साफ़-सुथरा माहौल, व्यवस्थित वार्ड, स्वच्छ चादरें और शांति देखकर परिजन पहले ही प्रभावित हुए। इसके बाद चिकित्सा टीम ने बिना देर किए—
- तुरंत ईसीजी,
- आवश्यक दवाओं का प्रयोग,
- निरंतर मॉनिटरिंग
जैसी सभी ज़रूरी प्रक्रियाएँ शुरू कर दीं।
डॉक्टरों, नर्सों और सफ़ाईकर्मियों के सहयोगी व्यवहार ने पूरा उपचार अनुभव बेहद सहज और भरोसेमंद बना दिया।
परिजनों ने व्यक्त किया आभार
पुरुषोत्तम सिंह ने कहा“सरकारी अस्पतालों में मिल रही उच्चस्तरीय सुविधाएँ और स्टाफ की निष्ठा वास्तव में प्रशंसनीय है। इस अनुभव ने सरकारी चिकित्सा सेवाओं पर मेरा भरोसा और मजबूत किया है।” उनकी माता अब स्थिर हैं और स्वास्थ्य में सुधार जारी है।
सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की बढ़ी साख
एसवीएम अस्पताल द्वारा समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज ने न केवल एक बुज़ुर्ग मरीज की जान बचाई बल्कि शहर के सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की सकारात्मक छवि को भी मजबूत किया है। यह घटना दर्शाती है कि सरकारी अस्पताल आज भी समर्पण और दक्षता के साथ उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।








