वाराणसी: रोपवे के गोदौलिया स्टेशन का स्ट्रक्चर स्विटजरलैंड में बनकर तैयार हो चुका है। ऐसे में यदि स्टेशन का स्थान बदला तो करोड़ों के उपकरण बेकार हो जाएंगे और करोड़ों का नुकसान तय माना जा रहा है। नए स्थान के हिसाब से पूरा स्ट्रक्चर दोबारा बनाना होगा। इससे रोपवे परियोजना की लागत और समय दोनों बढ़ जाएगी।
गोदौलिया पर रोपवे स्टेशन के स्थान परिवर्तन की अब तक आधिकारिक पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय व्यापारी और आमजन इसे दूसरे स्थान पर बनाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में स्टेशन को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। यदि स्टेशन गोदौलिया के स्थान पर गिरिजाघर पर बनाया गया तो नए सिरे से डीपीआर बनानी होगी।
नए सिरे से डीपीआर बनाने के लिए सर्वे करना होगा। जो स्थान तय किया जाना है, वह स्टेशन के लिए उपयुक्त है अथवा नहीं। तकनीकी पहलुओं को समझने के बाद ही परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है। नए सिरे से जमीन अधिग्रहण, मुआवजा वितरण समेत अन्य प्रक्रियाओं में लंबा समय लग सकता है। अफसरों की मानें तो नए सिरे से स्ट्रक्चर तैयार करने में प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाएगी।

Author: Ujala Sanchar
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