मिर्जापुर: अहरौरा थाना क्षेत्र के जंगल महाल बरही ग्राम सभा में आस्था और परंपरा का प्रतीक विख्यात अंतरप्रांतीय बेचू बीर मेला आज से शुरू हो गया। छठ पूजा के बाद एकादशी तक चलने वाला यह तीन दिवसीय मेला हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मेला शुरू होने से पहले ही श्रद्धालु और दुकानदार बड़ी संख्या में स्थल पर पहुंच गए थे।
आधुनिक विज्ञान के युग में भी इस मेले की अपनी अलग पहचान है। भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति और संतान प्राप्ति की कामना को लेकर श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से यहां पहुंचते हैं।
श्रद्धालु परंपरा के अनुसार भक्षी नदी में स्नान कर अपने पुराने वस्त्र त्यागते हैं और नए वस्त्र पहनकर चौरी के समीप पहुंचकर बेचू बीर बाबा और बरहिया माई की उपासना करते हैं। तीन दिनों तक चलने वाली इस साधना में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
जिन श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो जाती हैं, वे अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं और बाबा की चौरी पर बकरे, अनाज, चुनरी और अन्य चढ़ावे अर्पित करते हैं। मेले के दौरान भूत-प्रेत बाधाओं से ग्रसित महिलाओं को हबुआते और नाचते हुए देखा जा सकता है — जो इस मेले की विशेष दृश्य परंपरा का हिस्सा है।
मेला एकादशी की रात पुजारी बृजभूषण यादव और बाबा के वंशज एडवोकेट रौशन लाल यादव द्वारा पारंपरिक मनरी (वाद्य यंत्र) बजाकर विधिवत रूप से संपन्न किया जाएगा।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए मेडिकल कैंप, पेयजल, साफ-सफाई, बिजली, सीसी कैमरा और सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
रिपोर्ट: अनुप कुमार
 
								 
															







