आगरा। साइबर अपराध की आड़ में चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग का आगरा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह गिरोह भारतीय युवाओं को विदेश भेजने के बहाने बेचने का काम करता था। इस गैंग का एक और शातिर सदस्य महाराष्ट्र के रत्नागिरी से गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह गैंग विदेशों में कॉल सेंटर और साइबर ठगी के काम के नाम पर युवकों को झांसे में लेकर बेच देता था। गिरोह के सरगना भारत के साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के युवाओं को भी खरीदते थे। इन युवकों को भर्ती के बाद एक फर्जी ऑफिस में बुलाकर “टेस्ट” लिया जाता था, जहां पूरी प्रक्रिया फिल्मों की तरह सीन बनाकर की जाती थी।
बताया जा रहा है कि गैंग साइबर अपराध के नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करता था — जिनमें डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड और हनी ट्रैप जैसे हथकंडे प्रमुख थे। युवकों को किरदार के हिसाब से जिम्मेदारियां दी जाती थीं, ताकि वे बिना शक किए ठगी में शामिल हो जाएं।
आगरा पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के कई सदस्य पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि मुख्य सरगना और नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इस गैंग के तार कई देशों में फैले हुए हैं, और आगे की जांच अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि विदेशों में नौकरी या अधिक वेतन का झांसा देने वाले अज्ञात व्यक्तियों या ऑनलाइन कंपनियों से सतर्क रहें, क्योंकि ऐसे प्रस्तावों के पीछे अक्सर मानव तस्करी और साइबर अपराध का जाल छिपा होता है।






