सोनभद्र। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दुद्धी में स्वास्थ्य सेवाओं पर अनाधिकृत कब्जे की समस्या गहराती जा रही है। सीएचसी परिसर में बने सरकारी आवास पर कई डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों ने स्थानांतरण या सेवानिवृत्ति के बाद भी कमरे खाली नहीं किए, जिससे वर्तमान में तैनात डॉक्टरों को बाजार में निजी कमरे किराए पर लेने पड़ रहे हैं। इससे आपातकालीन सेवाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है।

वर्तमान डॉक्टरों को निजी कमरों में रहना पड़ रहा, आपात स्थिति में होती है देरी
स्थिति यह है कि अधीक्षक तक को अस्पताल परिसर में आवास उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिसके चलते उन्हें दूर रहकर रोजाना अस्पताल आना-जाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्र बताते हैं कि स्थानांतरित डॉक्टरों के अलावा कई स्वास्थ्य कर्मी और एनएचएम संविदा कर्मचारी भी सरकारी आवास खाली नहीं कर रहे, जबकि मौजूद डॉक्टरों को बाहर रुकना पड़ रहा है।
आपातकालीन सेवाओं में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। बाजार में दूर कमरे होने के कारण इमरजेंसी कॉल पर डॉक्टरों के अस्पताल पहुंचने में देरी होती है, जिससे गंभीर और एक्सीडेंट मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। कई बार तो देरी के कारण मरीजों की जान तक चली जाती है।
30 बेड वाले अस्पताल में बढ़ रहा आवास संकट
दुद्धी तहसील का यह 30 बेड का एकमात्र अस्पताल झारखंड और छत्तीसगढ़ बॉर्डर से भी मरीजों का बोझ संभालता है। ऐसे में डॉक्टरों के लिए परिसर में रहने की सुविधा अत्यंत आवश्यक है।
सीएचसी अधीक्षक का बयान
सीएचसी अधीक्षक डॉ. शाह आलम ने बताया—
- एक डॉक्टर सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिन्हें नोटिस दिया गया है।
- नियम अनुसार, कमरा खाली करने के लिए 6 महीने का समय मिलता है।
- कुछ एनएचएम कर्मचारियों को सीएमओ के आदेश पर रूम आवंटित किया गया है।
- बाहर किराए पर रह रहे चिकित्सकों को भी जल्द ही सरकारी आवास में शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।






