उत्तराखंड: 2020 में पिथौरागढ़ में पतंजलि के देसी गाय के घी का नमूना जांच के लिए भेजा गया था। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की दो प्रयोगशालाओं में परीक्षण के बाद पाया गया कि घी मानकों पर खरा नहीं उतरा।
हाल ही में जिला प्रशासन की कोर्ट ने पतंजलि पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विशेष बात यह है कि घी का नमूना 2020 में लिया गया था, जबकि कोर्ट का फैसला 2025 में आया। इसका मतलब है कि आरोप साबित होने में पूरे 5 साल लग गए।
इस दौरान बाजार में करोड़ों रुपये का पतंजलि देसी घी बिकता रहा और उपभोक्ताओं ने इसे सेवन किया, जबकि कंपनी पर सिर्फ 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में जांच और निर्णय की प्रक्रिया को तेज करना जरूरी है, ताकि उपभोक्ताओं के हितों की बेहतर सुरक्षा की जा सके।






