वाराणसी: गंगा और वरुणा नदी के उफान से बाढ़ का खतरा बढ़ा, निचले इलाकों में लोगों ने ली शरण, प्रशासन अलर्ट पर वाराणसी उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी के साथ ही गंगा की सहायक नदी वरुणा भी धीरे-धीरे उफान पर है, जिससे वाराणसी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए हालात कठिन होते जा रहे हैं।
वरुणा के बढ़ते जलस्तर से संकट
वरुणा नदी के किनारे बसे निचले सतह के मोहल्लों में पानी भरना शुरू हो गया है, जिससे कई परिवारों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेना पड़ा है।
प्राथमिक विद्यालय में बनाई गईं राहत चौकियां
जिला प्रशासन ने पहले से सतर्कता बरतते हुए कई स्थानों पर प्राथमिक विद्यालयों को राहत केंद्रों में तब्दील कर दिया है। इन्हीं में से एक है प्राथमिक विद्यालय, सलारपुर (वार्ड नंबर 5), जहां बाढ़ ग्रसित क्षेत्र के लोग आकर शरण ले रहे हैं।
जिलाधिकारी और आला अधिकारियों ने किया निरीक्षण
बुधवार को जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त शिव हरी मीणा ने राहत चौकियों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि “बाढ़ से प्रभावित लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए भोजन, पानी, दवाइयां, और अन्य सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।”
स्थानीय पार्षद का बयान
वार्ड नंबर 5 सलारपुर के पार्षद ने बताया कि “बाढ़ की आशंका को देखते हुए हमने 5 दिन पहले ही चौकियां बना दी थीं। अभी तक 8 परिवारों के 36 लोग यहां आकर आश्रय ले चुके हैं।”
स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात
राहत चौकियों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तैनात की गई है। एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित रूप से निरीक्षण कर रही हैं ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके और हर ज़रूरी सहायता प्रभावित लोगों तक पहुंच सके।









