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वाराणसी: एचडीएफसी बैंक की सतर्कता और साइबर टीम की त्वरित कार्रवाई से बची 39 लाख की ठगी

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वाराणसी। पुलिस लाइन स्थित साइबर थाना में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान साइबर क्राइम एसीपी विदुष सक्सेना ने नवंबर महीने में हुई एक बड़ी साइबर ठगी की कोशिश का खुलासा किया। वाराणसी की एचडीएफसी बैंक की महिला शाखा में आए एक वरिष्ठ दंपति से करीब 39 लाख रुपये की संदिग्ध राशि ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट मिली थी, जिसे बैंक स्टाफ की सतर्कता और साइबर टीम की त्वरित कार्रवाई ने समय रहते रोक दिया।

बैंक मैनेजर को व्यवहार संदिग्ध लगा, दंपति स्पष्ट जवाब न दे सके

शाखा प्रबंधक स्नेहा भारती और उनकी टीम ने जब इतने बड़े ट्रांसफर का कारण पूछा तो दंपति कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उनकी हिचक, घबराहट और भ्रमित व्यवहार से टीम को शक हुआ। बैंक स्टाफ ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी और मामला साइबर थाने तक पहुंचाया।

वीडियो कॉल पर की गई त्वरित जांच, उजागर हुआ ठगी का जाल

साइबर क्राइम सेल के विराट सिंह ने वीडियो कॉल के माध्यम से स्थिति की तुरंत जांच की। निर्देशानुसार बैंक टीम ने दंपति से विस्तार से बातचीत की और धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो गया कि वे ठगों का शिकार बनने वाले थे। ठग उन्हें कॉल पर भारी रकम ट्रांसफर करने के लिए उकसा रहे थे। अगर बैंक और पुलिस समय पर कदम न उठाते, तो 39 लाख रुपये की ठगी तय थी।

बैंक मैनेजर ने कहा—‘ग्राहक की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता’

शाखा प्रबंधक स्नेहा भारती ने कहा “हमारे लिए ग्राहक की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इतना बड़ा ट्रांसफर देखकर धोखाधड़ी की आशंका हुई। समय रहते कदम उठाकर ग्राहक को लाखों के नुकसान से बचाया। इसके लिए मैं पुलिस कमिश्नरेट, साइबर टीम और अपनी टीम की आभारी हूं।”

उन्होंने बैंकिंग नियमों के तहत किसी भी ग्राहक की पहचान या खाते का विवरण साझा करने से इनकार किया और समाज एवं मीडिया द्वारा की जा रही जागरूकता की सराहना की।

साइबर सेल और पुलिस का त्वरित सहयोग

वाराणसी साइबर सेल ने बैंक स्टाफ की सतर्कता की सराहना करते हुए तुरंत सहयोग किया और घटना को आगे बढ़ने से पहले ही रोक दिया। पुलिस ने कहा कि शहर में वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बनाकर ठग वीडियो कॉल, फर्जी लिंक, केवाईसी अपडेट और बैंक वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी कर रहे हैं।

साइबर विशेषज्ञों की सलाह

  • किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर न करें
  • बैंक कभी भी फोन पर OTP, PIN या खाता जानकारी नहीं मांगता
  • कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत करें

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