वाराणसी: पांडेपुर निवासी 26 वर्षीय आराधना ने बताया कि हमारे दूसरे बच्चे की डिलीवरी आपरेशन से नवम्बर में हुई थी। डाक्टर के अनुसार जन्म के समय इसका वजन 2.4 किलोग्राम था, डिस्चार्ज होने के समय उन्होंने जरूरी दवा, अपना दूध पिलाने के साथ ही केएमसी के बारे में विस्तार से हमें समझाया, मैं डाक्टर के बताये अनुसार ज्यादातर अपने सीने से लगाकर रखती हूँ। पहली बार दिखाने आई हूँ, अब बच्ची का वजन 3.1 किलोग्राम हो गया है, मुझे ख़ुशी है कि यहाँ पर यह जानकारी सभी माताओं को बताई जा रही है।
देवनाथपुर निवासी 25 वर्षीय सविता ने बताया कि हमारे पहले बच्चे की नार्मल डिलीवरी 20 दिन पहले हुई थी, जन्म के समय इसका वजन 2.5 किलोग्राम से कम था, डिस्चार्ज होने के समय उन्होंने अपना दूध पिलाने के साथ ही केएमसी के बारे में विस्तार से हमें समझाया, केएमसी की पूरी प्रक्रिया समझाई, और बोली बच्ची का वजन बढ़ाने में यह विधि बहुत ही कारगर है। मैंने वैसा ही किया।
पहली बार दिखाने आई हूँ, देखने के बाद वजन करने पर डाक्टर ने कहा कि आपकी बच्ची का वजन बढ़ गया है, मुझे ख़ुशी है कि इस जानकारी से हमारी बच्ची का वजन बढ़ गया। इस जानकारी का लाभ सभी माताओं को लेना चाहिए, जिससे बच्चे जल्दी स्वस्थ हो जायें।
नवजात को अधिक ठंड के कारण स्वास्थ्य जटिलताएं बढऩे की संभावना रहती है। जिसे चिकित्सकीय भाषा में हाइपोथर्मिया कहा जाता है। लेकिन हाइपोथर्मिया के प्रबंधन से नवजात की जान को बचाया जा सकता है। इस गंभीर समस्या का निदान आसानी से घर पर भी किया जा सकता है। इस थेरेपी से बच्चे का वजन भी 6 महीने में नार्मल हो जाता है। इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीषा सिंह सेंगर ने दी।
उन्होंने बताया कि हाइपोथर्मिया प्रबंधन में कंगारू मदर केयर (केएमसी) काफी असरदार साबित हो सकता है। कंगारू मदर केयर के तहत मां या घर का कोई भी सदस्य नवजात को अपनी छाती से चिपकाकर नवजात को शरीर की गर्मी प्रदान करते हैं। इससे नवजात को हाइपोथर्मिया से उबरने में सहायता मिलती है, और बच्चा स्वस्थ रहता है।
2.5 किग्रा से कम वजन के बच्चों के लिए अति आवश्यक
जिला महिला अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मधुलिका पाण्डेय ने बताया कि हमारी ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 160 से 170 मरीज आते हैं, जिसमें 10 से 12 मरीज समय से पूर्व प्रसव के होते हैं। 2.5 किग्रा से कम वजन के बच्चों को कमजोर नवजात की श्रेणी में रखा जाता है।जिन्हें सघन देखभाल की जरूरत होती है।
कमजोर नवजातों के उचित देखभाल की कड़ी में कंगारू मदर केयर काफी असरदार प्रक्रिया होती है। इससे नवजात को हाइपोथर्मिया से बचाव के साथ नवजात के वजन में वृद्धि होती है| साथ ही इससे उनके बेहतर शारीरिक विकास में भी सहयोग मिलता है।
कंगारू मदर केयर के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
कंगारू मदर केयर मां के साथ घर का कोई भी सदस्य प्रदान कर सकता है। केयर प्रदान करने वाले व्यक्ति को केएमसी से पूर्व हर बार अपने छाती को साफ करना जरूरी होता है। नवजात के मुंह को छाती के मध्य स्तनों के बीच लिटाएं एवं यह सुनिश्चित करें कि उसका शरीर केएमसी देने वाले के छाती से चिपका हो।
नवजात के शरीर पर टोपी, हाथों और पैरों में दस्ताने व पैरों में मोजे व लंगोटी के अलावा शरीर पर कोई वस्त्र न हो। बच्चे का सिर इस प्रकार से ढंका जाए कि उसे सांस लेने में कठिनाई ना हो। केएमसी देने वाला व्यक्ति ऊपर से मौसम के अनुसार कोई कपड़ा अवश्य ढंक लें।
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