Varanasi: धनतेरस के पावन अवसर पर भक्तों को स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा के विग्रह के दर्शन कर खजाने के रूप में सिक्के प्राप्त होंगे। बाबा विश्वनाथ को अन्न-धन प्रदान करने वाली माता अन्नपूर्णा इस पर्व पर अपने भक्तों पर कृपा की वर्षा करेंगी।
मंदिर के महंत शंकर पुरी ने बताया कि धनतेरस पर शुभ मुहूर्त के अनुसार सुबह तीन बजे से पूजन आरंभ होगा और पौने पांच बजे तक विशेष विधि से पूजा संपन्न होगी। इसके बाद आम भक्तों के लिए सुबह पांच बजे से मंदिर के पट खुलेंगे।
29 नवंबर को धनतेरस के दिन मंदिर के कपाट तय समय से एक घंटे पहले खोल दिए जाएंगे, जिससे श्रद्धालु पांच दिनों तक माता अन्नपूर्णा, माता भूमि देवी, लक्ष्मी और रजत महादेव के स्वर्णमयी विग्रह के दर्शन कर सकें।

महंत शंकर पुरी ने शुक्रवार को काशी अन्नपूर्णा क्षेत्र के सभागार में एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि इस धनतेरस पर एक विशेष शुभ संयोग बन रहा है, जो देश में समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होगा। अभिजीत मुहूर्त में माता का पूजन और खजाने की विशेष पूजा की जाएगी।
महंत ने बताया कि आमतौर पर भक्तों को वर्ष में केवल चार दिन स्वर्णमयी माता के दर्शन का अवसर मिलता था, लेकिन इस वर्ष भी दूसरी बार भक्त पांच दिनों तक दर्शन कर पाएंगे। धनतेरस के दिन खजाना वितरण किया जाएगा।
जबकि 2 नवंबर को अन्नकूट महोत्सव के दिन लड्डुओं की झांकी सजाई जाएगी, और रात 11.30 बजे माता की महाआरती संपन्न होगी। इसके बाद एक वर्ष के लिए स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट बंद कर दिया जाएगा।

भक्त बांसफाटक के रास्ते गेट नंबर एक ढुंढिराज से मंदिर पहुंचेंगे और अस्थायी सीढ़ियों के जरिए स्वर्णमयी माता के दर्शन कर कालिका गली से बाहर निकलेंगे। प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के लिए कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है और कंट्रोल रूम के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जाएगी। विभिन्न स्थानों पर सेवादार तैनात होंगे ताकि सभी दर्शनार्थियों को सुगम दर्शन का अनुभव मिल सके।









