वाराणसी। उत्तर प्रदेश सेवा निवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर एसोसिएशन तथा शिक्षक समन्वय समिति, शाखा वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को कैनर शाखी घाट, वरुणा पुल, कचहरी परिसर में पेंशनरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन किया। धरना के उपरांत पेंशनरों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिलाधिकारी/पुलिस कमिश्नर के प्रतिनिधि को सौंपा।
धरना स्थल पर वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार पेंशनरों के साथ गंभीर अन्याय कर रही है। बताया गया कि 3 नवंबर 2025 को जारी आठवें वेतन आयोग की अधिसूचना में गैर-अंशदायी पेंशनरों को मार्गदर्शिका से बाहर कर दिया गया है, जिसके चलते जनवरी 2025 से पूर्व सेवा निवृत्त पेंशनर वेतन/पेंशन पुनरीक्षण के लाभ से वंचित हो गए हैं। वक्ताओं ने इसे वेतन आयोग के इतिहास में पेंशनरों के साथ पहली बार हुआ अन्याय बताया।
वक्ताओं ने कहा कि बुजुर्ग पेंशनरों से इस प्रकार की उपेक्षा की उम्मीद नहीं थी। पेंशनरों ने देश के विकास में अपनी बुद्धि और श्रम से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उच्च न्यायालय के पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए कहा गया कि पेंशन कोई कृपा नहीं बल्कि अधिकार है, इसके बावजूद सरकार की नीतियां पेंशनरों की भावना और न्यायालय की मंशा के विपरीत हैं, जिससे पेंशनरों को अपने अस्तित्व के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
धरने में महंगाई के अनुपात में क्रय शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा गया कि जब कर्मचारी और पेंशनरों की डीए/डीआर वृद्धि से आर्थिक संतुलन बनाया जाता है, तब पेंशनरों को आठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों से बाहर करना व्यक्ति और व्यवस्था—दोनों को नुकसान पहुंचाता है।
कम्यूटेशन (नकदीकरण) कटौती के मुद्दे पर भी सरकार की आलोचना की गई। वक्ताओं ने कहा कि दस वर्षों में ब्याज सहित राशि की वसूली के बाद भी अतिरिक्त पांच वर्षों तक कटौती करना तर्कसंगत नहीं है। इस संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश की अपेक्षा के बावजूद कार्यालय ज्ञापन जारी कर पंद्रह वर्षों तक कटौती का आदेश देना पेंशनरों का शोषण है।
धरना के माध्यम से मांग की गई कि पेंशनरों को आठवें वेतन आयोग की परिधि में शामिल किया जाए तथा कम्यूटेशन की कटौती दस वर्ष बाद समाप्त की जाए। इन मांगों को लेकर माननीय सांसद/प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासन के माध्यम से सौंपा गया।
धरना को श्रीकान्त पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, मदन मोहन श्रीवास्तव, सीताराम, श्यामधनी, अशोक सिंह और शशिकान्त श्रीवास्तव सहित अनेक पेंशनर नेताओं ने संबोधित किया।








