
वाराणसी: जिला कारागार में दुष्कर्म समेत अन्य संगीन मामलों में लंबे समय तक बंद रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए प्रहलाद गुप्ता ने जेल अधीक्षक से तीन लाख रुपये की रंगदारी मांगकर सनसनी फैला दी। रिहाई के बाद उसने जेल अधीक्षक डॉ. उमेश सिंह पर अपने करीबियों को मदद पहुंचाने और बंदी रक्षकों पर कार्रवाई करने का दबाव भी बनाया।
जेल अधीक्षक को दी धमकी
जेल अधीक्षक से प्रहलाद गुप्ता ने कहा कि उसे अपना “नया काम” शुरू करने के लिए तीन लाख रुपये चाहिए। इनकार करने पर उसने नौकरी खत्म कराने और जान से मरवाने की धमकी दी। इसके अलावा उसने जेल के कुछ बंदी रक्षकों पर कार्रवाई करने और कुछ बंदियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की शर्तें भी रखीं।
पुलिस में दर्ज हुआ केस
जेल अधीक्षक की तहरीर पर लालपुर-पांडेयपुर पुलिस ने प्रहलाद गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है, और आरोपी की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
प्रहलाद गुप्ता दशाश्वमेध थाना क्षेत्र का निवासी है और उस पर दुष्कर्म सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। 5 अक्टूबर को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से रिहा हुआ था। अब रिहाई के बाद उसने जेल के अंदर और बाहर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की कोशिश की।

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