वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वैश्य (बनिया) समाज एवं PDA वर्ग के महापुरुषों की प्रतिमाओं को हटाए जाने के खिलाफ समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने इसे “सुनियोजित षड्यंत्र और अपमानजनक कार्यवाही” करार दिया और सरकार से तत्काल माफ़ी मांगने की मांग की।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि 27 अक्टूबर 2025 को सीतापुर जनपद के बिसवां में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक एवं सांसद, स्व. जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल उर्फ़ जगन बाबू जी (जो समाजवादी व्यापार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष जगन अग्रवाल के परदादा थे) की प्रतिमा को प्रशासन ने हटा दिया।
इतना ही नहीं, 29 अक्टूबर 2025 को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र कन्नौज के छिबरामऊ में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को हटाकर पूर्व सहकारिता मंत्री की प्रतिमा लगा दी गई।
समाजवादी व्यापार सभा, उत्तर प्रदेश ने इन घटनाओं को “राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कदम” बताया और कहा कि यह कार्यवाही वैश्य, PDA एवं व्यापारी समाज के प्रति “घृणा और ईर्ष्या” की भावना को दर्शाती है।
सभा के पदाधिकारियों ने कहा “देश के महान स्वतंत्रता सेनानी और विश्व शांति के प्रतीक महात्मा गांधी जी की प्रतिमा हटाना पूरे राष्ट्र का अपमान है। यह कदम न केवल वैश्य समाज बल्कि देश के हर वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इन प्रतिमाओं को पुनः स्थापित नहीं किया और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की, तो राज्यभर में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
समाजवादी व्यापार सभा, उत्तर प्रदेश ने इस पूरे प्रकरण की कड़ी निंदा करते हुए इसे “वैश्य समाज विरोधी रवैया” बताया और कहा कि पार्टी इस मुद्दे को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक उठाएगी।










