वाराणसी। ऊपरी क्षोभ मंडल में उत्तर भारत से होकर गुजर रही उष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम के प्रभाव से गुरुवार को वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में शीतलहर का प्रकोप रहा। दिनभर धूप नहीं निकली और शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक ठिठुरन के साथ घना कोहरा छाया रहा।
मौसम के असर से वाराणसी का अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 10 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरकर 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान के लिहाज से वाराणसी प्रदेश का सबसे ठंडा और देश का 10वां सबसे ठंडा शहर रहा। छह वर्षों बाद दिसंबर में अधिकतम तापमान में इतनी गिरावट दर्ज की गई, जिसके चलते यह दिन ‘शीत दिवस’ के रूप में दर्ज हुआ। हालांकि न्यूनतम तापमान में विशेष बदलाव नहीं आया और यह सामान्य से एक डिग्री अधिक 10.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
ठंड और कोहरे के चलते सड़कों पर वाहन पूरे दिन लाइट जलाकर धीमी गति से चलते नजर आए, जबकि आम जनजीवन अलाव के आसपास सिमटा रहा। कोहरा इतना घना रहा कि सुबह दस बजे तक ग्रामीण क्षेत्रों में दृश्यता घटकर मात्र 50 मीटर तक रह गई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में अत्यंत घना कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया गया है। लखनऊ स्थित मौसम विभाग के आंचलिक कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बनारस में दिसंबर माह में छह वर्षों बाद अधिकतम तापमान इतना नीचे गिरा है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर 2019 को अधिकतम तापमान 11.2 डिग्री, 28 दिसंबर को 13.6 डिग्री, 30 दिसंबर को 13.3 डिग्री और 31 दिसंबर को 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।









