Search
Close this search box.

वृंदावन: वेतन न मिलने से रुका ठाकुर बांके बिहारी का भोग, वर्षों पुरानी परंपरा टूटी

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

वृंदावन। श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्थाओं को लेकर एक अहम मामला सामने आया है। हलवाई को वेतन न मिलने के कारण ठाकुर जी का बाल भोग और शयन भोग तैयार नहीं हो सका, जिससे वर्षों से चली आ रही परंपरा टूट गई। इस घटना से श्रद्धालुओं में चर्चा और चिंता का माहौल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंदिर की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है। इसी कमेटी के अंतर्गत ठाकुर जी के लिए प्रसाद और भोग सामग्री तैयार करने हेतु एक हलवाई की नियुक्ति की गई थी।

बताया जा रहा है कि नियुक्त हलवाई को प्रतिमाह 80 हजार रुपये वेतन दिया जाना तय है, लेकिन बीते कुछ महीनों से उसे वेतन का भुगतान नहीं किया गया। आर्थिक तंगी के चलते हलवाई ने ठाकुर जी के लिए बाल भोग और शयन भोग बनाना बंद कर दिया, जिससे मंदिर की नियमित धार्मिक परंपरा बाधित हो गई।

मंदिर से जुड़े सेवायतों और श्रद्धालुओं का कहना है कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भोग-प्रसाद की परंपरा का विशेष धार्मिक महत्व है और इस तरह की लापरवाही से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं।

फिलहाल यह मामला मंदिर प्रशासन और हाई पावर कमेटी के संज्ञान में है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही वेतन भुगतान की समस्या का समाधान कर भोग-प्रसाद की परंपरा को पुनः सुचारू रूप से शुरू कराया जाएगा।

Leave a Comment

और पढ़ें