वाराणसी। रामलीला और रामनगर इस तरह से एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं कि अक्सर ही लोग ऐसा मान लेते हैं कि “रामलीला मंचन की वजह से इस नगर का नाम रामनगर पड़ा होगा”। वैसे कालांतर में रामनगर का नाम व्यासकाशी भी था। रामलीला की शुरुआत को लेकर तमाम दंतकथाएं व किंवदंतियां विद्यमान हैं, तथापि निर्विवाद रूप से रामनगर की रामलीला काशिराज उदित नारायण सिंह के शासनकाल में प्रारम्भ हुई। महाराज उदित नारायण सिंह का शासन काल 1796 से 1835 ईस्वी तक था। इस तरह से रामलीला की शुरुआत उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ से मानी जा सकती है।

पांच किमी के एरिया में मनस प्रसंगों का होता है मंचन

कालांतर में रामनगर का नाम था व्यासकाशी

चकाचौंध की दुनिया से अभी भी दूर है रामनगर की लीला

परंपरागत तरीके से पेट्रोमैक्स का आज भी किया जाता है प्रयोग









