बिहार कैडर की तेज-तर्रार और ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर आईपीएस (IPS) अधिकारी काम्या मिश्रा इन दिनों अपने इस्तीफे को लेकर चर्चा में हैं। महज 28 साल की उम्र में उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी, जो देश के लाखों युवाओं का सपना होती है। उनके इस अप्रत्याशित फैसले ने प्रशासनिक हलकों के साथ-साथ आम जनमानस को भी चौंका दिया है।
IPS बनने का सफर और पारिवारिक पृष्ठभूमि
ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर की रहने वाली काम्या मिश्रा ने केवल 22 साल की उम्र में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईपीएस बनने का गौरव हासिल किया था। वे ओडिशा के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी राजकुमार मिश्रा की इकलौती संतान हैं, जिनका माइनिंग और इस्पात का बड़ा कारोबार है।
काम्या मिश्रा का सपना था कि वे प्रशासनिक सेवा में रहकर समाज में बदलाव लाएं, लेकिन पिछले साल अगस्त 2024 में उन्होंने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। अब उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
राजस्थान की बहू बनीं ‘लेडी सिंघम’
काम्या मिश्रा की निजी ज़िंदगी भी उतनी ही चर्चित रही है। वर्ष 2021 में उन्होंने अपने ही बैच के आईपीएस अधिकारी अवधेश सरोज दीक्षित से विवाह किया, जो मूल रूप से राजस्थान के करौली जिले के हिण्डौन सिटी के निवासी हैं। अवधेश वर्तमान में बिहार कैडर में कार्यरत हैं और उनके पिता बसंत दीक्षित हिण्डौन के सार्वजनिक निर्माण विभाग से वरिष्ठ सहायक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
अवधेश की शिक्षा और यूपीएससी सफर
अवधेश दीक्षित ने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने जेईई की कोचिंग कराई और फिर वर्ष 2019 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की। ट्रेनिंग के दौरान हैदराबाद में ही अवधेश और काम्या की मुलाकात हुई, जो बाद में विवाह में परिणत हुई।
कारोबार को संभालने का निर्णय
काम्या के परिजनों के अनुसार, उन्होंने शुरुआत में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह केवल 5 वर्षों तक सेवा में रहेंगी और फिर पारिवारिक व्यापार की ज़िम्मेदारी संभालेंगी। ऐसे में उनका इस्तीफा पहले से तय एक योजना का हिस्सा बताया जा रहा है, भले ही यह फैसला सार्वजनिक रूप से अब चर्चा में आया हो।









