Search
Close this search box.

गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल; पीड़ित ने डीएम समेत सीएमओ से किया लिखित शिकायत, रिपोर्ट में लापरवाही से मचा हड़कंप

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

गाजीपुर: नंन्दगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत एक अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की लापरवाही सामने आई है। एक युवक ने पेट में दर्द की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचा था। वहां पर युवक ने जांच तो कराई, लेकिन उसके रिपोर्ट में कुछ और फिल्म में कुछ और देखकर उसके होश उड़ गए। फिर युवक ने गोराबाजार स्थित सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराई तो पता चला कि उसका रिपोर्ट प्राइवेट अल्ट्रासाउंड के रिपोर्ट की पोल खोल दिया है।

स्थानीय क्षेत्र के वी.के सिंह ने जिलाधिकारी समेत मुख्य चिकित्साधिकारी को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए बताया कि बीते 10 अप्रैल को मेरे पेट में दर्द हो रहा था तभी नंन्दगंज बाजार के चोचकपुर मोड़ स्थित हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक सेंटर में समय 10: 37 मिनट पर कराया जिसके Dr. V. S singh (MBBS sonologist) द्वारा दिए गए रिपोर्ट में बायी किडनी डाइलेटेड के साथ 4 mm की पथरी (स्टोन) दिया गया।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि उसके फिल्म में 5.3 mm की पथरी (स्टोन) दिखाई गई। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड कराने के पश्चात् पांच सौ रूपए की पक्की बिल मांगे जाने पर लैब संचालक द्वारा आधा घंटा बैठाकर बिना हस्ताक्षर मुहर की बिल दिया गया। फिर अच्छे इलाज के लिए 15 अप्रैल को गोराबाजार स्थित महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज से अटैच डाॅ मुख्तार अहमद अंसारी चिकित्सालय में जनरल सर्जरी कमरा नं. 101 (C) में डॉक्टर रामकृत राम (Assistant professor, jeneral surgery, MBBS, MS) को दिखाया गया।

डाॅक्टर के सलाह पर जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया। जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बायी किडनी में पर्याप्त मात्रा में पानी दिखाया गया। सिटी स्कैन कराने का सलाह दिया गया। पीड़ित ने हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक सेंटर की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट एवं जिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट डीएम समेत सीएमओ को भेजकर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग किया है। इस विरोधाभास ने न सिर्फ मरीज को भ्रमित किया बल्कि इलाज की दिशा को भी प्रभावित किया। एक ही किडनी को लेकर दो विपरीत रिपोर्ट सामने आने के बाद मरीज के परिजनों ने सवाल उठाया है कि आखिर किस पर भरोसा किया जाए।

पीड़ित ने दावा के साथ कहा कि मेरे बाई किडनी में पथरी (स्टोन) नहीं है। बहुत जल्द सिटी स्कैन भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर मेरे द्वारा हेल्थ केयर डायग्नोस्टिक सेंटर के रिपोर्ट के आधार पर आपरेशन करा लिया गया होता तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई होती और पथरी ( स्टोन) भी नहीं निकलती। अगर कार्रवाई नहीं होती है तो मेरे द्वारा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें