गाजीपुर: गाजीपुर की मिट्टी में जन्मी, गांव जमुआंव की बेटी परीयत सिंह ने इतिहास रच दिया है। भारत की सीमाएं पार कर अब वो फ्रांस की राजधानी पेरिस में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार सोरबोन यूनिवर्सिटी में कानून और राजनीति शास्त्र की पढ़ाई करेंगी -वो भी फ्रेंच भाषा में।
एक गांव से निकल कर वैश्विक बौद्धिक मंच तक पहुंचने वाली यह बेटी अब पूरे देश की प्रेरणा बन गई है। आईसीएसई बोर्ड की 12वीं परीक्षा में ज़िले में टॉप करने वाली परीयत सिंह चंडीगढ़ के यशपाल पटियाला स्कूल की भी टॉपर रहीं। लेकिन उसकी उड़ान यहीं नहीं थमी उसने अब दुनिया की सबसे कठिन प्रवेश प्रक्रिया में से एक को पार करते हुए सोरबोन पेरिस यूनिवर्सिटी में जगह बना ली।
यह वही यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 12वीं सदी में हुई थी, जो नोबेल पुरस्कार विजेताओं की नर्सरी मानी जाती है, और जहाँ दुनिया भर से केवल 20% चुनिंदा छात्र ही दाखिल हो पाते हैं। न फीस का बोझ, न सीमाओं की दीवार सिर्फ़ काबिलियत, जज़्बा और विज़न का सम्मान है ये।
दाखिले से पहले परीयत ने कठिन लिखित परीक्षा, फ्रेंच भाषा में इंटरव्यू, और अकादमिक मूल्यांकन की सभी कसौटियाँ सफलता से पार कीं। अब वह यूरोप के इस बौद्धिक केंद्र में कानून और पॉलिटिकल साइंस की गहराइयों को छुएगी। इस ऐतिहासिक पल पर उसके दादा दया नंद सिंह और दादी शांति देवी ने कहा “बिटिया ने बता दिया कि गांव की बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर परचम फहरा सकती हैं। यह सिर्फ़ हमारी नहीं, पूरे जमुआंव और गाजीपुर की जीत है।

Author: Ujala Sanchar
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