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वाराणसी: आप का यूपी में प्राथमिक विद्यालय बंद करने के फैसले पर विरोध, राष्ट्रपति के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के शासनादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी(आप) ने वाराणसी में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल के नेतृत्व में वरुणा स्थित शास्त्री घाट पर एकत्र हुए और गोलघर चौराहा होते हुए जिला मुख्यालय कचहरी तक पैदल मार्च निकाला।

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार पर शिक्षा विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया। अंत में महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रेषित किया गया।

जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल ने कहा, कि “योगी सरकार ने 16 जून 2025 को जो शासनादेश जारी किया है, वह न केवल शिक्षा विरोधी है, बल्कि संविधान और कानून का भी उल्लंघन करता है। इसमें यह कहा गया है कि कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को बड़े विद्यालयों में मिलाकर बंद कर दिया जाएगा। इससे न केवल स्कूल बंद होंगे, बल्कि लाखों नौजवानों की उम्मीदों पर भी पानी फिर जाएगा।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “एक तरफ सरकार शराब के ठेके खोलने में रिकॉर्ड बना रही है, वहीं दूसरी ओर अब तक 26,000 से अधिक विद्यालय बंद हो चुके हैं और 27,000 और स्कूल बंद करने की तैयारी है।”

नि. सचिव आप काशी प्रांत अब्दुल्ला खान ने कहा कि “इस निर्णय से लगभग 1.35 लाख सहायक शिक्षक और 27,000 प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त हो जाएंगे। इससे न केवल शिक्षा प्रभावित होगी, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी भी और अधिक बढ़ेगी।”

महिला विंग की प्रदेश महासचिव रेखा जायसवाल ने कहा, “सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। निजी मानकविहीन स्कूलों को मान्यता दी जा रही है, जबकि सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है। छात्रों की संख्या घटने की समस्या का हल खोजने के बजाय स्कूलों को ही समाप्त किया जा रहा है। यह एक खतरनाक नीति है।”

पार्टी की मांगें

  • 16 जून 2025 को जारी विद्यालय मर्जर आदेश को तत्काल वापस लिया जाए।
  • परिषदीय विद्यालयों की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए।
  • शिक्षामित्र, रसोइया, सहायक शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के पदों को समाप्त न किया जाए।
  • RTE एक्ट के तहत प्रत्येक 1 किलोमीटर में विद्यालय बनाए रखने की व्यवस्था को लागू रखा जाए।

आम आदमी पार्टी नेताओं ने कहा कि यदि दिल्ली और पंजाब में विश्वस्तरीय सरकारी स्कूल चलाए जा सकते हैं, तो उत्तर प्रदेश में भी ऐसा संभव है, बशर्ते सरकार की नीयत साफ हो।

वहीं प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, छात्र, अभिभावक, महिला विंग और युवा मोर्चा के सदस्य शामिल हुए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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