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सावन में वाराणसी आएं तो करें इन प्रमुख शिवालयों में दर्शन, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं

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वाराणसी: श्रावण मास का आगमन होते ही काशी नगरी पूरी तरह शिवमय हो जाती है। यह पवित्र महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा-अर्चना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

अगर आप इस सावन में वाराणसी आने की योजना बना रहे हैं, तो यहां स्थित प्रमुख शिवालयों के दर्शन अवश्य करें। ये मंदिर न केवल धार्मिक महत्ता रखते हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और सिद्धि प्राप्त करने का माध्यम भी हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में, जहां सावन में दर्शन का विशेष महत्व है:

1. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी का हृदय और भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक – श्री काशी विश्वनाथ मंदिर। कहा जाता है कि एक बार यहां दर्शन मात्र से सौ तीर्थों का फल प्राप्त हो जाता है। सावन में यहां गंगाजल से अभिषेक, रुद्राभिषेक और रात्रि जागरण की विशेष परंपरा होती है।

2. मृत्युंजय महादेव मंदिर

चौक क्षेत्र में स्थित यह मंदिर अकाल मृत्यु और रोगों से रक्षा के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टक और रुद्रचटुर्शती का पाठ सावन में प्रमुख अनुष्ठान होता है।

3. काल भैरव मंदिर

भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव के इस मंदिर को काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। मान्यता है कि बिना काल भैरव दर्शन के काशी यात्रा अधूरी मानी जाती है। सावन में यहाँ विशेष तांत्रिक पूजन और झांकी निकाली जाती है।

4. त्रिलोचन महादेव मंदिर

यह स्वयंभू शिवलिंग वाला प्राचीन मंदिर काशी के पुराने हिस्से में स्थित है। स्कंद पुराण में इसका उल्लेख है। यहाँ सावन में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और विशेष श्रृंगार पूजन होता है।

5. बाबा आदिकेशवेश्वर मंदिर (आदि केशव घाट)

गंगा और वरुणा के संगम पर स्थित यह मंदिर अत्यंत पावन है। यहां पारिवारिक सुख, आर्थिक समृद्धि और घर में शांति के लिए भक्त शिवजी की पूजा करते हैं। सावन में संगम स्नान कर यहाँ दर्शन का विशेष महत्व है।

6. भीमशंकर महादेव मंदिर (दारनगर)

पुणे के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग से मिलता-जुलता नाम होने के कारण यह मंदिर भी श्रद्धालुओं के बीच विशेष महत्व रखता है। सावन में यहाँ रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक और विशेष आरती का आयोजन होता है।

7. कर्दमेश्वर महादेव मंदिर (शिवपुर)

यह स्थान विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना से जुड़े भक्तों के लिए पूजनीय है। सावन में यहाँ महिलाएं विशेष व्रत रखकर पूजा करती हैं।

सावन विशेष पूजा विधि

श्रद्धालु इन सभी मंदिरों में जाकर बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, अक्षत और पुष्प से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। साथ ही रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, और शिव चालीसा का पाठ कर मोक्ष, सुख-समृद्धि व आरोग्यता की कामना करते हैं।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

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