वाराणसी: ग्राम छितौना, थाना चौबेपुर में सुरेन्द्र राजभर, रामगुलाम राजभर, भोला राजभर और छोटू राजभर पर सामंती प्रवृत्ति के दबंगों द्वारा धारदार हथियारों—तलवार, कुल्हाड़ी—तथा बंदूक से जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में सभी पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और जीवन-मृत्यु से जूझ रहे हैं। ऐसा परिजनों ने आरोप लगाया है।
बताया गया कि इस हिंसक घटना से पूर्व, 16 जून 2025 को भी आरोपियों ने पीड़ितों पर हमला कर जान से मारने की धमकी दी थी, जिसकी विधिवत तहरीर चौबेपुर थाने में दी गई थी। लेकिन पुलिस प्रशासन की कथित लापरवाही और दबंगों से मिलीभगत के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसका नतीजा एक जघन्य खूनी संघर्ष के रूप में सामने आया।

घायलों के परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा न तो उचित चिकित्सीय व्यवस्था कराई गई और न ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी गई। प्रशासन की इस उदासीनता और निष्क्रियता के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने निम्नलिखित मांगें की हैं:
- पीड़ित परिवार को तत्काल प्रभाव से पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
- सभी गंभीर रूप से घायलों का उच्चस्तरीय इलाज सरकारी खर्चे पर सुनिश्चित किया जाए।
- चौबेपुर थाने के प्रभारी और संबंधित लापरवाह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।
- पीड़ित परिवार के खिलाफ दायर किए गए फर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए।
- पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर सभी दोषी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. राहुल राजभर सहित महेन्द्र राजभर, डॉ. अरविंद राजभर, अजय राजमा एडवोकेट, ओमप्रकाश राजमा (ओपी), आरती राजभर, ब्रजेश राजभर, प्रदीप राजभर समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और न्याय की मांग को लेकर संघर्ष का ऐलान किया है।
स्थानीय प्रशासन पर निष्क्रियता और पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते पीड़ितों को न्याय और सुरक्षा नहीं मिली तो व्यापक जनआंदोलन किया जाएगा।








