वाराणसी: राष्ट्रीय हिन्दू फ्रंट (जनसंख्या समाधान फाउंडेशन) ने देश में जनसंख्या विस्फोट और उससे उत्पन्न जनसांख्यिकीय असंतुलन को भारत की एक गंभीर चुनौती बताते हुए केंद्र सरकार से अविलंब जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर लागू करने की मांग की है।
संस्था ने एक वक्तव्य जारी करते हुए केंद्र सरकार के हालिया वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पारित करने और 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा धर्म पूछ-पूछकर की गई नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे कठोर निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसी नीतिगत दृढ़ता अब जनसंख्या नियंत्रण के विषय में भी दिखाई जानी चाहिए।
फ्रंट का कहना है कि भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बीते 78 वर्षों में खाद्य सुरक्षा, विज्ञान, अंतरिक्ष और आधारभूत संरचना सहित हर क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है, लेकिन यह विकास देश की विस्फोटक जनसंख्या वृद्धि के बोझ तले दबा हुआ है। 1952 में दुनिया में सबसे पहले परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला भारत आज 148 करोड़ से अधिक आबादी के साथ संसाधनों के संकट, बेरोजगारी, शिक्षा, चिकित्सा और पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहा है।
संगठन का दावा है कि भारत मात्र 2.4% भू-भाग पर विश्व की लगभग 17.8% जनसंख्या का बोझ ढो रहा है, जिससे न केवल आर्थिक व सामाजिक असंतुलन पैदा हो रहा है, बल्कि एक गृहयुद्ध जैसी स्थिति की संभावना भी बन रही है। इसके साथ ही उन्होंने जनसंख्या वृद्धि से उपजे जनसांख्यिकीय असंतुलन को भी आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समरसता के लिए गंभीर खतरा बताया।
राष्ट्रीय हिन्दू फ्रंट (जनसंख्या समाधान फाउंडेशन) ने कहा कि बीते 12 वर्षों से वह इस मुद्दे पर जन-जागरण अभियान चला रहा है और अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार इस राष्ट्रीय समस्या का समाधान करे। संगठन ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून को तत्काल संसद में लाकर लागू करें, जिससे देश का भविष्य सुरक्षित हो सके।









