डाला। कोटा ग्राम पंचायत में इन दिनों पेयजल संकट गहराता जा रहा है। गांव के कई मोहल्लों में महीनों से हैंडपंप और सोलर वाटर पंप खराब पड़े हुए हैं, लेकिन मरम्मत के नाम पर जिम्मेदारों द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके चलते ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दूर भटकना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल ग्राम पंचायत में हैंडपंप सामग्री और रिपेयरिंग के लिए लाखों रुपये भेजे जाते हैं, लेकिन जमीनी स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा पूरी तरह लड़खड़ा गई है।
युवा समाजसेवी और पंचायत सदस्य कन्हैया लाल ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान कई स्थानों पर हैंडपंपों के खराब होने की शिकायतें मिलीं। पंचायत को बार-बार जानकारी देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
ग्राम पंचायत कोटा में प्रेमनाथ के घर के सामने लगा सोलर वाटर पंप भी लापरवाही की कहानी बयां कर रहा है। कुछ ही दिनों में यह पंप खराब हो गया। रिपेयरिंग पर हजारों रुपये खर्च होने के बावजूद इसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। ग्रामीणों के अनुसार पंप कभी चलता है, तो कभी अचानक बंद हो जाता है। उनका आरोप है कि कार्य गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गांव के कई हैंडपंप महीनों से बंद—
- वार्ड नं. 1 में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मोती भारती के घर के पास हैंडपंप लंबे समय से बंद।
- सुरेश खरवार के घर के पास स्थित हैंडपंप बंद रहने से ग्रामीणों को दूर से पानी लाना पड़ रहा है।
- दशरथ शर्मा के घर के पास वाला हैंडपंप भी कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है।
कन्हैया कुमार का कहना है कि जब हर महीने हैंडपंप सामग्री और मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान दर्शाया जाता है, तो फिर गांव में ऐसी बदहाल व्यवस्था क्यों है? ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर यह पैसा खर्च कहां हो रहा है?
इसी तरह मझौली कोटा में राम अवध भारती के घर के पास नल कनेक्शन टूटा हुआ है। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का साफ कहना है कि पानी मूलभूत आवश्यकता है और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द खराब सभी हैंडपंप और सोलर पंपों की मरम्मत कराई जाए तथा कथित अनियमितताओं की जांच की जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके।








