Search
Close this search box.

वाराणसी: बीएचयू में कैडर के आधार पर तय हो शिक्षकों की वरिष्ठता, यूजीसी ने भेजा पत्र 

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

वाराणसी: बीएचयू में शिक्षकों की वरिष्ठता को लेकर उठे विवाद के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को भेजे अपने पत्र में कहा है कि शिक्षकों की वरिष्ठता का निर्धारण केवल उनके कैडर के आधार पर किया जाएगा। इसका पालन किया जाना चाहिए। 

आयोग ने साफ किया है कि विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में शिक्षकों के तीन पदनाम असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर होते हैं। वरिष्ठता का निर्धारण इन्हीं के अनुसार किया जाना चाहिए। यह मामला तब तूल पकड़ गया जब प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के प्रोफेसर एम.पी. अहिरवार ने यूजीसी, राष्ट्रपति और अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर बीएचयू में वरिष्ठता नियमों के पालन न होने की शिकायत की। इसके बाद यूजीसी ने हस्तक्षेप किया।

यूजीसी के उपसचिव निखिल कुमार द्वारा बीएचयू के कुलसचिव को भेजे गए पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वरिष्ठ प्रोफेसर को “अपग्रेड” करने से अलग कैडर नहीं बनता। वरिष्ठता सूची उसी प्रोफेसर कैडर के भीतर बनाई जाएगी। वरिष्ठता की गणना उस तिथि से की जाएगी जब व्यक्ति प्रोफेसर के पद पर नियुक्त या सीएएस (Career Advancement Scheme) के तहत पदोन्नत हुआ। सीधे नियुक्त प्रोफेसरों के लिए यह नियुक्ति की तिथि होगी, जबकि सीएएस के तहत पदोन्नत प्रोफेसरों के लिए यह पात्रता तिथि होगी। यूजीसी ने सुझाव दिया है कि डीनशिप, हेडशिप जैसे पदों पर नियुक्ति भी इन्हीं मानकों के आधार पर की जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और भविष्य में विवाद की स्थिति न उत्पन्न हो।

Ujala Sanchar
Author: Ujala Sanchar

उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।

Leave a Comment

और पढ़ें