गाजीपुर: महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, गाजीपुर में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक युवक को फर्जी मेडिकल प्रमाणपत्र बनाते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) और मेडिकल कॉलेज के सहायक आचार्य डॉ. धनंजय कुमार वर्मा के फर्जी हस्ताक्षर और सील लगे नकली सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
घटना का खुलासा तब हुआ जब कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आनंद मिश्रा (निवासी इंदिरा नगर, लखनऊ) ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि एक संदिग्ध व्यक्ति परिसर में फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर रहा है। सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय, चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक शैलेश कुमार यादव और चीता मोबाइल टीम ने मौके पर छापा मारा और आरोपी रवि सिंह (उम्र 33 वर्ष), निवासी मिश्रबाजार, थाना कोतवाली, गाजीपुर को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने आरोपी के पास से कई जाली मेडिकल प्रमाणपत्र, सरकारी दस्तावेजों की नकल, और फर्जी मुहरें व हस्ताक्षर बरामद किए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल विभिन्न जगहों पर मेडिकल छुट्टियों, अवकाशों और अन्य सरकारी लाभों के लिए किया जा रहा था।
इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 570/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3) में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी के खिलाफ अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय, उपनिरीक्षक शैलेश कुमार यादव, एवं चीता मोबाइल दल शामिल रहे।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला न केवल चिकित्सा महाविद्यालय की सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि फर्जीवाड़े के ज़रिए किस तरह से सरकारी संस्थानों के नाम का दुरुपयोग हो रहा है। पुलिस की तत्परता से एक बड़ा फर्जीवाड़ा समय रहते उजागर हुआ, जिससे भविष्य में होने वाले संभावित नुकसान को टालने में मदद मिली है।

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।