नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों (2006) के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह फैसला महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद आया।
मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश होकर तत्काल सुनवाई की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर संज्ञान लेते हुए सभी 12 आरोपियों को नोटिस जारी कर दिया है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अभी किसी भी आरोपी को दोबारा जेल नहीं भेजा जाएगा, जब तक कि आगे की सुनवाई नहीं हो जाती।
पूरा मामला
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार सात बम धमाके हुए थे, जिनमें 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 800 से ज्यादा घायल हुए थे। इस मामले में विशेष मकोका अदालत ने 2015 में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिसंबर 2023 में सबूतों की कमी के आधार पर सभी को बरी कर दिया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगाते हुए आगे की सुनवाई तक सभी कानूनी प्रक्रियाएं स्थगित रखने के आदेश दिए हैं।

Author: Ujala Sanchar
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