नई दिल्ली: भारत सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि यमन में बंदी भारतीय नागरिका निमिशा प्रिया के मामले में ‘मौत की सज़ा रद्द होने’ की खबरें गलत और भ्रामक हैं। यह स्पष्टीकरण ‘भारत के ग्रैंड मुफ्ती’ कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार द्वारा दिए गए दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यमन सरकार ने निमिशा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी है।
विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा, “निमिशा प्रिया मामले में कुछ लोगों द्वारा साझा की जा रही जानकारी गलत है। यमन की कानूनी प्रक्रिया के तहत मामला अब भी विचाराधीन है, और भारत सरकार इस पर लगातार निगरानी बनाए हुए है।”
ग्रैंड मुफ्ती के दावे के बाद कई मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने यह प्रचारित किया कि निमिशा प्रिया को राहत मिल गई है, लेकिन सरकार ने अब इसे खारिज कर दिया है।
क्या है मामला?
निमिशा प्रिया को यमन की अदालत ने एक स्थानीय नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। मामला 2017 का है, जब प्रिया को कथित रूप से अपने यमनी साझेदार की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से भारत सरकार इस मामले में कानूनी और राजनयिक प्रयास कर रही है।
भारत सरकार का कहना है कि वह प्रिया के जीवन की रक्षा के लिए सभी उचित राजनयिक और कानूनी उपाय कर रही है, लेकिन किसी भी प्रकार की पूर्व सूचना या झूठे दावे से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

Author: Ujala Sanchar
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