रसड़ा: ग्रामीणों द्वारा नगरा बलिया पौराणिक कथानुसार ग्राम कोटवारी के सटे ग्राम गौरा में श्री गोविंद शाह का धार्मिक मेला का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि श्री पंथी जी महाराज लगभग पचासों साल पहले श्री गोविंद जी महाराज का गोविंद शाह जिला आजमगढ़ से शाह जी के चरण पादुका यहां ले आए और अपनी धुनी रमा लिए।
तदोपरांत उनके सेवक और भक्त गण गौर ग्राम सभा में कार्तिक माह की अंजोरिया तिथि के प्रथम दिन से पूर्णमासी तक पूजा एवं मेले का आयोजन प्रारंभ हुआ। इसके साथ ही आज तक वहां भक्त जन आते है कच्चा खीचड़ चढ़ते है और वहां खीचड़ बना कर प्रसाद स्वरूप खाते है।
मोटे और लाल रंग के गन्ने का सेवन करते है। भक्तों का सैलाब उमड़ जाता है। ग्रामीण यहां करीब दस बीघे के आस पास फसल इन पंद्रह दिन नहीं उगाई जाती है। जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा न उत्पन हो।
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