वाराणसी: काशी में चल रही पंचकोशी यात्रा का पहला पड़ाव कर्दमेश्वर महादेव तालाब पर रविवार को बड़े श्रद्धा भाव के साथ संपन्न हुआ। पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने पितरों के तर्पण हेतु पिंडदान किया और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अर्पित की।
धर्माचार्यों ने बताया कि सर्वपितृ अमावस्या पर पिंडदान का विशेष महत्व होता है। यह उन पितरों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि अज्ञात हो या जिनका श्राद्ध किसी कारणवश रह गया हो।

मान्यता है कि इस दिन किए गए पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, इस अवसर पर किए गए तर्पण से परिवार पर पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।



Author: Ujala Sanchar
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