वाराणसी: चिरईगांव क्षेत्र में बंदरों के बढ़ते आतंक से आमजन त्रस्त हैं। ताजा मामला पशु चिकित्सालय चिरईगांव का है, जहाँ बंदरों के उत्पात के कारण अस्पताल को करीब तीन घंटे के लिए बंद करना पड़ा।
पशु चिकित्सक डॉ. आर. ए. चौधरी ने बताया कि बंदरों के झुंड ने परिसर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया, जिससे कर्मचारियों और मरीजों में दहशत फैल गई। हालात को देखते हुए उन्होंने वन विभाग को फोन कर मदद मांगी, लेकिन विभाग की ओर से यह कहकर मदद से इनकार कर दिया गया कि बंदरों को पकड़ना उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता।
इसके बाद नगर निगम को सूचना दी गई, जिसके पश्चात एक टीम मौके पर पहुंची और सात बंदरों को पकड़ने में सफलता पाई। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में बंदर मौजूद हैं।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि बंदरों द्वारा राहगीरों पर झपटना, बच्चों को डराना, घरों में घुसकर सामान नष्ट करना और भोजन ले भागना अब रोजमर्रा की समस्या बन गई है। लोग अब खुलकर घर से बाहर निकलने में भी डर महसूस कर रहे हैं।
क्षेत्रीय जनता ने प्रशासन से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

Author: Ujala Sanchar
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