गाजीपुर: जब रिश्तों की डोर कमजोर पड़ती है, तब समझदारी, संवेदना और संवाद ही उन्हें फिर से मजबूत कर सकते हैं। महिला सहायता प्रकोष्ठ/परिवार परामर्श केन्द्र ने एक बार फिर यह साबित कर दिखाया। पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा के कुशल नेतृत्व में परिवार परामर्श केन्द्र में पति-पत्नी के बीच चल रहे विवादों पर आधारित ग्यारह प्रकरणों की सुनवाई हुई।
दरअसल, इनमें से तीन ऐसे परिवार, जो वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे, आज मध्यस्थता और परामर्श के माध्यम से एक बार फिर मिल गए। गिले-शिकवे भुलाकर जब पति-पत्नी ने एक-दूसरे का हाथ थामा, तो परामर्श कक्ष में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सुलह के आंसू, बिछुड़े बच्चों की मुस्कान और रिश्तों की वापसी ने हर आंख नम कर दी।
इन 3 मामलों की सफल सुलह के बाद पत्रावली बंद कर दी गई। वहीं दो अन्य मामलों में कानूनी सलाह देकर निस्तारण किया गया, और तीन मामलों में असहमति के चलते अगली तिथि तय की गई।
इन महत्वपूर्ण मामलों में काउंसलर कमरूद्दीन, पूजा श्रीवास्तव, उप निरीक्षक शशिधर मिश्रा, महिला आरक्षी रागिनी चौबे, सबिता, आरक्षी शिव शंकर यादव तथा महिला होमगार्ड उर्मिला गिरी की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।
यह पहल सिर्फ कानून नहीं, इंसानियत के स्तर पर रिश्तों को बचाने का एक जज्बाती प्रयास है, जो गाजीपुर को संवेदनशीलता की मिसाल बना रहा है।

Author: Ujala Sanchar
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